किसी की आखें है प्यार क नशे में धुन्द्लाई सी,
किसी की चाल है पैसे क नशे में इतराई सी,
कोई है काम के नशे में है खोया खोया,
किसी को है इस जवानी का नशा थोडा थोडा |
लत है नशे की,
या जिन्दगी अहेसास के साथ जीने का खौफ है तुम्हे,
अपनी जिन्दगी से शिकायत है की,
किसी की सुझाई जिन्दगी पाने की दरकार है तुम्हे |
क्यूँ नहीं बढती है यह घडी लम्हा लम्हा कर के,
क्यूँ निकल जाते है साल हमारे किसी चीज़ का इंतज़ार करते करते,
क्यूँ नहीं हो पाता है प्यार अपनी खुद की चीजों से,
क्यूँ आज भी एक नशे की जरुरत है अपने खयालो से भागने क लिए |
हो नशा तो हो जिन्दगी जीने का,
हर लम्हे को अपना कर लेने का,
हर अहसास को एक नाम दे देने का,
हर मुस्कराहट को एक पैगाम समझ लेने का,
हर याद को एक हीरा समझ लेने का,
हर रिश्ते को एक पहेचन दे देने का,हिचकी को किसी का प्यार समझ लेने का ||